🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन, इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है।👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 कल माँ की गोद में, आज मौत की आग़ोश में, हम को दुनिया में ये दो वक़्त बड़े सुहाने से मिले। 🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 आँसू निकले परदेस में भीगा माँ का प्यार, दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार।👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱 भूल जाता हूँ परेशानियां ज़िंदगी की सारी, माँ अपनी गोद में जब मेरा सर रख लेती है।👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 है गरीब मेरी माँ फिर भी मेरा ख्याल रखती है,  मेरे लिए रोटी और अपने लिए पतीले की खुरचन रखती है। 🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱बालाएं आकर भी मेरी चौखट से लौट जाती हैं, मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं।👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 बहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेरा, मैं अपने पर्स में रखी माँ की तस्वीर को देख लेता हूँ। 👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 बेसन की रोटी पर, खट्टी चटनी सी माँ... याद आती है चौका, बासन, चिमटा, फूंकनी जैसी माँ। 🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱शहर में आ कर पढ़ने वाले ये भूल गए, किस की माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 वो लम्हा जब मेरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे, मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई। 🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼जब भी देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई, देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई।


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 कोई दुआ असर नहीं करती, जब तक वो हम पर नजर नहीं करती, हम उसकी खबर रखे न रखे, वो कभी हमें बेखबर नहीं करती। 🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼 यूं ही नहीं गूंजती किलकारियां‬ घर आँगन‬ के कोने में,  जान ‎हथेली‬ पर रखनी‪ पड़ती है माँ को माँ‬ होने में।👩‍🍼🤱👩‍🍼


🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼जब जब कागज पर लिखा, मैने माँ का नाम, कलम अदब से बोल उठी, हो गये चारो धाम। 🤱👩‍🍼🤱👩‍🍼